Skip to main content

उत्थित त्रिकोणासन

अर्थ-

इस आसन में हम उत्थित (खडे) होकर शरीर से एक त्रिकोण की रचना करते है अतः इसे उत्थित त्रिकोणासन कहते है।

विधि-

दोनों पैरों में तीन से साढे तीन फीट का फासला रखकर खडे़ हो जायें। दाये पैर के पंजे को स्थिर रखते हुये एड़ी को उठाकर अन्दर की तरफ 90 डिग्री के स्थान पर रखे ताकि दायां पैर, बाॅये पैर के साथ एक समकोण बना ले। अब बाॅये पैर की एड़ी को स्थिर रखते हुए पंजे को उठाकर अन्दर की तरफ 60 डिग्री के स्थान पर रख दें। दोनों हाथों को बगल से उठाकर कंधांे की ऊंचाई तक लायें और हथेलियों का रूख जमीन की ओर रखते हुये दोनों ओर अधिकतम तान दें। अब शरीर को कमर से मोड़ते हुये दाहिनी तरफ झुकें और दांये हाथ के पंजे को दांये पैर के पंजे के पास, पीछे की तरफ जमीन पर रख दें। इस स्थिति में आपके बाये हाथ का रूख आसमान की तरफ हो जायेगा और दोनों हाथ एक सरल रेखा की स्थिति में हो जायेंगे। दृष्टि बांये हाथ की हथेली की ओर कर दें। अब दोनों हाथों को विपरीत दिशा में तानते हुये सीने को ज्यादा से ज्यादा फैला दें। इस स्थिति में एक मिनट तक रूकें। विपरीत क्रम में लौटकर, यही क्रिया दूसरी ओर करें। समस्थिति में विश्राम करें।

लाभ-

पैरों की किसी भी प्रकार की कमजोरी जैसे एडी का दर्द, पिण्डलियों का दर्द एवं घुटनों के दर्द को ठीक करता है, साथ-साथ पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पीठ, कमर एवं गर्दन के दर्द को ठीक करता है। टखनों को पुष्ट एवं सीने को विकसित करता है।

सावधानी-

सरवाइकल स्पोंडिलाइटिस वाले लोगों को यह आसन गर्दन को नीचे की तरफ रखते हुये करना है। घुटनों मंे दर्द हो तो हल्का सा घुटना मोडकर अभ्यास कर सकते है। यह आसन करते समय दोनों पैरों में समान वजन रखने का प्रयास करना चाहिये इसके लिए आप अपने नितम्बांे को संकुचित कर सकते है। जब आप बगल में झुकें तो इस बात का विशेष ध्यान रखें की शरीर न तो आगे की तरफ झुके और ना ही पीछे की तरफ।

Yogacharya Dhakaram
Founder of YogaPeace Sansthan, Yogacharya Dhakaram is an internationally acclaimed yoga teacher and healer with over 30 years of experience. He has trained thousands of students in yoga and is known for his depth of knowledge and his ability to turn around lives with yoga.
Published
31-Jul-2020
Category

Share