योग सबको बदल सकता है, हम किसी काे बदल नहीं सकते। यह कहना है जयपुर के योगाचार्य ढाकाराम सापकाेटा का। जयपुर के प्रमुख योग शिक्षक और योगपीस के संस्थापक कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। इनकी योग यात्रा 1989 में शुरू हुई, जब इन्होंने जयपुर के अपने गुरु सूरज करण जिंदल से से योग शिक्षा आरंभ करी।
योगाचार्य ढाकाराम ने 1998 में अपने परम प्रिय मित्र शरत धाकड़ के साथ मिलकर योगापीस की स्थापना की, जहां सभी स्तर की कक्षाएं और कार्यशालाएं आयोजित होती हैं। यहां चिकित्सीय योग में विशेषज्ञता रखता है। आपको एक्युप्रेशर, एक्युपंचर, सुजोक चिकित्सा, ट्विस्ट थैरेपी, स्माइल मेडिटेशन, स्माइल योग और प्राकृतिक चिकित्सा का विशेष ज्ञान है। योगापीस संस्थान अब तक 3 हजार से ज्यादा योग क्षिक्षक तैयार कर चुके हैं, जो देश-दुनिया में योग की ट्रेनिंग दे रहे हैं। यहां अब तक उच्च रक्तचाप, निम्न रक्ताचाप, आर्थराइटिस, अस्थमा, थाइराइड, घुटनों का दर्द, साइटिका इत्यादि समस्याओं से संबंधित लागभग 50 हजार से ज्यादा लोग बिना दवा के नियमित योग से ठीक हो चुके हैं।
आप कितने तरह से योग की ट्रेनिंग या कक्षाएं आपके यहां चलती हैं , जो लोगों के लिए लाभकारी है?
हमारे यहां छह तरह के अलग-अलग सेवा कार्य चलते हैं।
- योग शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (Yoga Teacher Training Program): इसके तहत 1,800 घंटे, लगभग 8 महीने तक रोजाना 8 घंटे का योगा टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम होता है जिसमें देश-विदेश से लोग आते हैं।
- आनंदम फाेर काॅर्पाेरेट: इसमें कॉर्पोरेट हाउस से जुड़े लोगों को एनर्जेटिक और बेहतर आउटपुट की ट्रेनिंग देते हैं जिससे अपने कार्य आनंद के साथ कर सकें।
- याेगा फाॅर स्पाेर्ट्स: भारत में याेग को खेल का दर्जा मिला हुआ है। हम उस तरह की प्रतियोगिता के लिए लोगों को तैयार करते हैं।
- आनंदम: आनंदमय जीवन इसमें ऐसी टेक्निक सिखाते हैं ताकि वह शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास कल अपने जीवन को आनंदमय बना सके। इसके लिए नियमित आसन, प्राणायाम तथा ध्यान कराते हैं। योगाचार्य ढाकाराम का कहना है कि योग सबको बदल सकता है, हम किसी काे बदल नहीं सकते हैं।
- आनंदम फॉर स्टूडेंट्स: यह कार्यक्रम विशेष कर माता-पिता शिक्षक और बच्चों के लिए है ताकि बच्चों के संस्कार खूबसूरत होने के साथ उनका कंसंट्रेशन लेवल बढ़े, याददाश्त तेज हो और पढ़ाई को खेलने कूदते करें ताकि स्वयं का विकास हो सके और विश्व का कल्याण हो।
बिजी लाइफ में बहुत से लोग एक साथ एक या दो घंटे के लिए योगा सेंटर नहीं जा पाते, क्या आप उनको तीन प्रहर के हिसाब से 10 से 15 मिनट के योग कैप्सूल बता पाएंगे ताकि वे फिट रह सकें?
अमृत जितना मिल जाए उतना अच्छा है। वैसे रोज एक से सवा घंटे योग कर आप बेहतर महसूस करेंगे। अगर समय का अभाव है तो:
- सुबह: 3 मिनट ताड़ासन, 3 मिनट भस्त्रिका और 3 मिनट ध्यान करें।
- लंच के बाद: 5 मिनट वज्रासन, 5 मिनट भ्रामरी, 5 मिनट डीप ब्रीदिंग या अनुलाेम-विलाेम करें।
- रात के खाने से पहले: 2 मिनट कोेणासन, चेयर पर 5 मिनट कटिचक्रासन या भारद्वाजासन और 3 मिनट उत्तानासन कर सकते हैं।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज कब और कितनी देर कर हम खुद काे फिट रख सकते हैं, कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
वैसे तो श्वास के बिना जिंदा नहीं रह जा सकता परंतु रोजाना 15 से बीस मिनट डीप ब्रीदिंग करना बहुत ही अच्छा है इसे दिन में कभी भी किया जा सकता है । यह बहुत ही साधारण, लेकिन कारगर है।
यह ध्यान रहे सुबह-शाम खाली पेट और दोपहर में खाने के बाद वज्रासन डीप ब्रीदिंग और ध्यान कर सकते हैं ।
आपने योगिक क्रियाओं के जरिए खुद के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर किया, क्या परिवर्तन महसूस किया?
मैं मस्त रहता हूं और अपनी खुशी से समझौता नहीं करता है। कितने भी उतार-चढ़ाव आएं, किसी तरह का स्ट्रेस नहीं लेता। जब 9 साल का था, तब से याेग सीखने की ललक थी। मैं अब भी रोज लगभग 2 घंटे योग का अभ्यास करता हूं।
इस साल योग दिवस की थीम ‘योगा फॉर सेल्फ एंड साेसायटी’ है। इसके मायने क्या समझे जाएं?
आप खुद स्वस्थ रहेंगे ताे ही दूसरों के लिए हेल्थ या फिटनेस की बात कर सकेंगे। अपने आसपास के लाेगाें को प्रेरित कर सकेंगे। रोज इसके लिए साधना करें। सबसे पहले खुद से प्यार करें, फिर परिवार से और उसके बाद समाज के प्रति प्रेम दिखाएं।
बहुत-सी कामकाजी महिलाएं या हाउसवाइफ समय की कमी से याेग नहीं करतीं। दूसरा सब यह कहते हैं सुबह याेग कराे। बदलते वक्त में क्या यह सही नहीं हाेगा कि जब समय मिले तब ही योग कराे?
जब हमारे देश के प्रधानमंत्री साहब समय निकालते हैं, बिग बी मतलब अमिताभ बच्चन साहिब समय निकालते हैं ताे हम क्यों नहीं निकालते।
छोटी-छोटी सर्जरी में बहुत खर्चा आता है। महिलाओं को टुकड़ों में समय निकालकर योग करना चाहिए। हार्मोन प्रॉब्लम के लिए शीर्षासन, सर्वांगासन, सेतुबंध आसन, बद्ध कोणासन, उत्तानासन को शुरूआत में किसी योग शिक्षक के देखरेख में ही करना चाहिए। प्राणायाम में कपालभाति, भस्त्रिका, भ्रामरी करना चाहिए । योग से पीसीओडी, स्ट्रेस और थायराइड में भी बहुत आराम मिलता है और नियमित करने से यह सही भी हो जाता है।
बीएमआई टेस्ट में आर्गन की कमजोरी की वजह से लाेगाें की उम्र ज्यादा आती है। ऐसे में कौन से याेग हैं जिनके सहारे हम ऑर्गन काे स्वस्थ रख सकते हैं?
- बद्ध कोनासन ताड़ासन उत्तानासन शीर्षसन सर्वांगासन हलासन शशांकासन इत्यादि
- घुटनों और पैरों को स्वस्थ रखने के लिए उत्थित त्रिकोणासन, उत्तानासन, गुल्फ नमन क्रिया करें
- कमर के लिए ताड़ासन, भारद्वाजासन, जठरपरिवर्त नासन, मर्कटासन करें।
- सर्वाइकल के लिए ग्रीवा शक्ति विकासक 1 2 3 और 4 और स्कंधच्रक की क्रियाएं करनी चाहिए।
- मस्तिष्क के लिए शीर्षासन, सर्वागासन उत्तानासन, अधोमुखा स्वान आसन और भ्रामरी व नाडी शोधन प्राणायाम बहुत फायदेमंद है।
ऐसी जानकारी है कि आप योग के माध्यम से नशा प्रवृत्ति पर काफी हद तक अंकुश लगाते हैं?
यह सही है कि बहुत से नशा प्रवृति से जुड़े लोग आते हैं। उनको सामान्य दिनचर्या के साथ कुछ महीने तक योगाभ्यास कराते हैं। इसके लिए पुर्वाेत्तान, सुप्तबद्धकाेणासन, सुप्त सुखासन, शीर्षासन सर्वागासन सेतुबंध सर्वागासन इत्यादि करने से लाभ मिलता है।
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