कपाल भाति
अर्थ-
कपाल का अर्थ हैं ललाट और भाति का अर्थ हैं चमकना अथार्थ कपाल भाति ललाट को चमकदार वाला अभ्यास हैं !
विधि-
सिद्ध पदम या अन्य ध्यानात्मक आसान में सीधे बैठ जाइये! इसमें पद्मासन उपयोगी रहता हैं छाती आगे की और उभरी हुई तथा स्थिर रहती हैं! हथेलियों और हाथो को सामान्य स्थिति में रखे! उदर को संकुचित रखते हुए श्वास को झटके से बहार फेंकिए ! जैसे लोहार की धौकनी को दबाने से उसमे सिथित वायु वेग से बहार निकलती हैं उसी तरह की क्रिया ये करनी हैं इस विधि में श्वास का बहार निकलना सक्रिय तथा भीतर लेना निष्क्रिय हैं केवल अंदर खीचने और श्वास को बाहर निकालने का
अभ्यास करना हैं ! श्वास बितर स्वत ही आ जाएगी!
सावधानिया-
प्रारम्भ में एक मिनट में 50-60 धक्के की गति से अभ्यास करना चैहिये इस के बाद इसे 120 तक बढ़या जा सकता हैं ! नए विध्यार्थी को 20 धक्के का चक्र कर के विश्राम करना चाइए! अंतिम चक्र में फेफड़ो को पूरी तरह खाली कर के विश्राम एवं आत्म निरिक्षण करना मेह्तवपूर्ण एवं आवश्यक हैं !
सीमाये-
रक्त चाप,हृद्य रोग, हाइपर टेंशन, चक्क्कर आना, हर्निया, रक्तचाप, ग्रेस्टिक अल्सर से पीड़ित व्यक्तियों का इसका अभ्यास नई करना चाइए ! गर्भवती महिलाओं के लिए अभ्यास वर्जित हैं! जिन्हे कमर दर्द की शिकयत हो उन्हें कपाल भाति का अब्याश सावधानी पूर्वक व धीरे धीरे करना उचित हैं सम्मान्ये व्यक्ति को कपाल भाति को अब्यास 3 से 5 मिनट तक करना चाइए! प्रारभ में करने में परेशानी हो तो अपने सामर्थ्ये के अनुसार करना चाइए जसे जसे पेट की मांसपेशिया लचीली व मजबूत होती चली जाये वसे वसे समाये बढ़ा देना चाइए !
श्वास को वेगपूर्वक बाहर निकालने (मुख मुद्रा सामान्ये रखते हुए ) पर लगाये! चेहरा सामान्ये रखे किसी प्रकार क्क तनाव या खिचाव ना आने दे!
लाभ-
इस क्रिया के निरंतर अभ्यास से माथे व चेहरे पर अलग ही तेज दिखाई देने लगता हैं! शरीर की रोध प्रतिरोधक समता बढ़ने लगती हैं! वात कफः पित को संतुलित रखती हैं! इससे पेट के समस्त अवयवो को अछा खिचाव व मसाज मिलता हैं जिससे पेट के समस्त अवयव जसे यकृत प्लीहा, पाचन ग्रंथि इत्यादि अपना काम सुचारू रूप से करने लगते हैं जिससे उदार की
मांसपेशिया क्रियाशीएल एवं शक्तिशाली बनने लगती हैं! यह डायबिटीज़ के सभी रोगियों के लिए लाभकारी हैं! यह पेट की अनावश्यक चर्बी को काम करने में थोड़ा बोहत मदद करता हैं
शारीरिक व मानसिक शमता का विकास होकर व्यक्ति प्रसन्ता का अनुभव करता हैं!
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